Tution teacher ki chudai xxx hindi sex stories, ट्यूशन टीचर की बूर चुदाई अकेले घर में, desi xxx kamasutra kahani, टीचर की कुंवारी बूर चोदकर सुहागरात मनाई, teacher ki bur chudai hindi story, अन्तर्वासना हिंदी चुदाई की कहानियाँ, akele ghar me bacho ki tution teacher ki chudai jee bhar ke,
मैं अपने २ बच्चों के लिए एक लेडीज टीचर बहुत दिन से ढूढ़ रहा था। फिर पास के शर्मा जी ने मुझे एक अच्छी टीचर बताई। मैंने उसके घर जाकर बात की तो काम बन गया। उस टीचर का नाम गुंजन था। वो रोज शाम को 5 बजे मेरे घर आने लगी और मेरे बच्चों को पढ़ाने लगी। दोस्तों वो एक गरीब घर की जरूरतमंद लड़की थी। वो बहुत मेहनत से मेरे बच्चो को पढ़ाती थी। इसी वजह से एक साल बाद मेरे दोनों बच्चे अपनी क्लास में फर्स्ट पास हो गए। मैं बहुत खुश था।गुंजन मैडम! आपकी मेहनत का ही रिसल्ट है की मेरे दोनों बच्चे फर्स्ट क्लास पास हो गए है!” मैंने उससे कहा और उसकी ट्यूशन की फ़ीस मैंने २ हजार कर दी। धीरे धीरे मुझे अपने बच्चों की टीचर गुंजन मैडम बहुत अच्छी लगने लगी। मैं उसके लिए रोज शाम को खुद चाय बना देता था।
धीरे धीरे गुंजन मुझे बहुत अच्छी लगने लगी। वो बहुत छरहरी बदन की लड़की थी। वैसे तो देखने में स्लिम ट्रिम और दुबली लगती थी, पर जहाँ जहाँ पर उसके बदन में गोश होना चाहिए वहां पर खूब था। धीरे धीरे मेरा उसे चोदने का दिल करने लगा। वो अभी कुवारी माल थी और उसकी शादी भी नही हुई थी। मुझे नही मालुम था की वो अभी चुदी है की नही। एक दिन मैंने ड्रिंक कर ली और शाम को जब गुंजन जब मेरे बच्चो को पढ़ाने आई तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया। मेरे दोनों बच्चे अभी छोटे थे इसलिए वो मेरी करतूत हो नही समझ पाए। मैंने गुन्जन का हाथ पकड़ लिया और उसके गाल पर चुम्मी ले ली।ये चुदाई कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। “अरी मैडम किसी दिन प्यार और चुदास की पढाई मुझे भी अंदर कमरे में चलकर पढ़ा दो” मैंने गुंजन से कहागुंजन नाराज हो गयी और उसने मुझे २ ४ चांटे मेरे गाल पर मार दिए। फिर उसने मेरे घर आना और बच्चों को पढ़ाना बंद कर दिया। जब अगले दिन मेरी शराब उतरी तो मुझे होश आया की मुझसे कितनी बड़ी गलती हो गयी है। मैं भागा भागा उसके घर गया और तरह तरह से माफ़ी मांगी। तब जाकर वो दुबारा आने लगी। एक दिन मेरे बच्चों को पढ़ाते पढ़ाते ही उसके सिर में बहुत तेज दर्द होने लगा तो मैं तुरंत मेडिकल स्टोर से सिर दर्द की गोली ले आया। मैंने बच्चों को टीवी वाले कमरे में भेज दिया। मैंने दूध गर्म करके अपने बच्चो की टीचर गुंजन को दवा दे दी। उसने खा ली। फिर मैंने उसे सोफे पर लिटा दिया। और उसका सिर दाबने लगा। कुछ देर में उसका सिर दर्द ठीक हो गया और उसने मेरे हाथ को चूम लिया।
“चटर्जी जी, आप मेरा कितना ख्याल रखते है” गुँजन हंसकर बोली
तो मैंने भी उसके हाथ को लेकर किस कर लिया। फिर वो गजब की माल मुझसे पट गयी।
“गुंजन जी, क्या आपका कोई बॉयफ्रेंड है????” मैंने पूछा
“नही!” वो मुस्कुराकर बोली
“क्या आप मेरी गर्लफ्रेंड बन जाएगी???” मैंने पूछा तो उसने कुछ नही कहा और एक बार फिर से मेरे हाथ पर किस कर दिया। उसका जवाब मुझे मिल गया था। धीरे धीरे मैं उससे खूब बाते करने लगा। फिर वो मुझसे पट गयी। अगले दिन जब वो मेरे बच्चों को पढ़ाने आई तो उसने बच्चों को काम दे दिया और सीधा मेरे कमरे में चली आई। मैंने उसे पकड़ लिया और होठो पर किस करने लगा। दोस्तों गुंजन नॉ 1 क्वालिटी का माल थी। मैंने उसे बाहों में भर लिया था और होठो पर गर्मा गर्म चुम्बन मैं करने लगा था। उसने लाल रंग का बड़ा खूबसूरत सा सलवार सूट पहन रखा था।ये चुदाई कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। वो भी मुझे आक्रामक होकर प्यार करने लगी। वो भी आज मुझसे चुदने के फुल मूड में थी। मेरा तो कितने सालो से उसे चोदने का दिल कर रहा था। मैं उसकी पीठ पर हर जगह हाथ से सहलाने लगा। गुंजन भी ऐसा ही कर रही थी। फिर मेरे हाथ उसकी पतली 28” की कमर पर चले गये और मैं उसे सहलाने लगा। गुंजन मैडम का फिगर 36 28 34 का था। वो बहुत सेक्सी और हॉट माल थी। और सबसे बड़ी बात की वो कुवारी माल थी। किसी लड़के ने उसे चोदा नही था। वो बिल्बुल फ्रेश माल थी। हम दोनों एक दूसरे को बड़ी जोश के साथ किस कर रहे थे। फिर मैं उसके गाल, गले, आँखें और कंधों पर चुम्बन लेने लगा। हम दोनों धीरे धीरे गर्म हो गए थे। फिर मैंने उसका सूट हाथ से उपर उठा दिया और अंदर उसकी चिकनी कमर पर मैं दोनों हाथो को घुमा रहा था। गुंजन “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” करने लगी।
“गुंजन चूत देगी???? तेरी रसीली चुद्दी[चूत] मारने का बहुत दिल है???” मैंने कहा
“कहाँ पर मुझे चोदोगे???” वो मेरी आँखों में आँखे डालकर बोलने लगी। आज गुंजन भी मेरा लंड खाने के मूड में थी।
“आओ इस बेड पर तुम्हारी ठुकाई कर देता हूँ” मैंने कहा
“और बच्चे???” गुंजन पूछने लगी
“वो अपना काम कर रहे है तब तक मैं तुमको चोद लूँगा” मैंने कहा
उसके बाद मैंने उसे एक बार फिर से बाहों में भर लिया और उसके सुरमई ओठ पीने लगा। फिर मैंने गुंजन को लेकर बेड में चला गया। उसने अपने दोनों हाथ उपर कर दिए तो मैंने उसका सूट निकाल दिया। फिर सलवार, ब्रा और उसकी पेंटी बी निकाल दी। मैं खुद भी अब नंगा हो गया था। मैंने दरवाजे में अंदर से कुण्डी लगा दी थी वरना मेरे बच्चे कमरे में आ सकते थे। दोस्तों आज मेरा बरसों का सपना पूरा होने वाला था। आज मैं गुंजन की कुवारी चूत को चोदने वाला था। आज उसकी चूत की सील मैं ही तोड़ने वाला था। हम दोनों बिस्तर पर लेटे हुए थे और एक दूसरे को बेतहाशा किस कर रहे थे। दोस्तों मेरे बच्चों की टीचर गुंजन बहुत सेक्सी और हॉट माल लग रही थी। उसका जिस्म तो बहुत ही चिकना और मादक था।ये चुदाई कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मैंने उसे सब जगह हाथ से सहला रहा था और चूम रहा था। गुंजन भी मुझे हर जगह किस कर रही थी। मेरे सीने पर वो बार बार चूम लेती थी। मैं इस वक़्त उसके चिकने 34” के पुट्ठे सहला रहा था। उसे भी खूब मजा मिल रहा था। फिर मैंने उसे सीधा लिटा दिया और उसके 36” के बड़े बड़े खूबसूरत दूध को मैं हाथ से दबाने लगा। गुंजन “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह आआआअह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की आवाज निकाल रही थी। उसे भी बहुत मजा मिल रहा था। वो भी उत्तेजित हो रही थी। मैं तेज तेज उसके रसीले आमों को दबा देता था। गुंजन सिसक पड़ती थी। उफ्फ्फ्फ़ कितने खूबसूरत बूब्स थे उसके दोसतों। मैं खुद को बहुत नसीब वाला मान रहा था की इतनी मस्त माल मुझसे पट गयी। उसकी चूचियां बहुत ही रसीली और मुलायम थी। लग रहा की की पनीर की बनी हुई चूचियां है। मैं तेज तेज दबाने लगा, फिर मुंह में लेकर पीने लगा। गुंजन तो जैसे पागल ही हो गयी थी। वो बार बार अपनी गांड उठा देती थी। मैंने उसकी छलकती छातियों को मुंह में लेकर किसी बच्चे की तरह चूस रहा था।
हम दोनों को आज बहुत मजा मिल रहा था। गुंजन मेरी नंगी पीठ को बार बार अपने हाथ से सहला रही थी। उसे भी बहुत मजा मिल रहा था। मैं मुंह में भरकर उसकी एक एक निपल्स को चूस रहा था। मुझे जन्नत का मजा मिल रहा था। गुंजन अब भी सिकारियां ले रही थी। वो बार बार “आआआअह्हह्हह……ईईईईईईई….ओह्ह्ह्हह्ह….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” की आवाज निकाल रही थी। फिर गुंजन ने बिना कहे ही मेरे लंड को पकड़ लिया और जल्दी जल्दी फेटने लगी। मेरा शानदार 10” का लम्बा लम्बा बहुत मोटा और शानदार था। ये मुश्किल से गुंजन के हाथ में आ रहा था। फिर जल्दी जल्दी नीचे उपर करके लंड को फेटे जा रही थी। मैं आनंद के समुंदर में डुबकियाँ लगा रहा था। फिर मैंने अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया। मेरे बच्चों की टीचर आज कोई देसी चुदासी रंडी लग रही थी। वो मेरे लंड की बहुत भूखी थी। इसलिए जल्दी जल्दी मुंह में लेकर चूसने लगी।ये चुदाई कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मुझे तो मजा ही आ गया था। गुंजन मेरे पोते की गोलियों को भी चूस लेती थी। उसको सेक्स का नशा पूरी तरह से चढ़ गया था। आज वो हवस और काम की पुजारिन बन गयी थी। वो जल्दी जल्दी अपना सिर हिला रही थी। उसके खूबसूरत प्रियंका चोपड़ा जैसे होठ मेरे लंड पर जल्दी जल्दी अंदर हो गये थे। मेरे सुपाड़े से रस निकलने लगा था। मैं सोच रहा था की कहीं उसकी चुद्दी [चूत] मारने से पहले मैं आउट ना हो जाऊं। बड़ी देर तक हवस का नंगा नाच चला। गुंजन ने मेरे लंड को जी भरकर चूसा किसी लोपीपॉप की तरह। फिर मैंने उसे सीधा लिटा दिया और उसके पेट को हाथ से सहलाने लगा। मैं गुंजन पर लेट गया और उसके पेट को पीने लगा। धीरे धीरे मैं नीचे की तरफ बढ़ रहा था। मैं बार बार उसके पेट को चूमता हुआ गुँजन के पेट पर बैठ गया। फिर उसकी नाभि में मैं ऊँगली करने लगा। वो कसमसा गयी। मैं बार उसकी नाभि में ऊँगली कर देता था। फिर अपनी जीभ मैं उसकी सेक्सी नाभि में डाल रहा था।
कुछ देर बाद मैं गुंजन की चूत पर पहुँच गया था। कितनी सुंदर मस्त चूत थी उसकी। मैंने हाथ से उसकी चूत फैलाकर देगी तो सील पूरी तरह से बंद थी। पूरी तरह से बंद चूत थी। फिर मैं लेट कर अपने बच्चों की टीचर की चूत चाटने लगा। मुझे बहुत मजा मिल रहा था। मैं जल्दी जल्दी किसी चुदासे कुत्ते की तरह गुंजन की चूत पीने लगा। मैंने उसकी दोनों टांगो को खोल दिया था जिससे अब मुझे उसकी भरी हुई रसीली चूत के दर्शन होने लगे थे। मेरी जीभ तो जल्दी जल्दी उसकी फुद्दी को चाटे ही जा रही थी। गुंजन “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की आवाजे निकाल रही थी। वो खुद ही अपनी बड़ी बड़ी चूचियों को अपने हाथ से दे दबा रही थी।ये चुदाई कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।देबाशीष ….प्लीस जल्दी से मेरी गर्म में अपना मोटा लौड़ा डाल दो वरना मैं मर जाउंगी!!” इस तरह से गुंजन किसी देसी चुदासी रंडी की तरह बार बार चिल्लाने लगी। पर मैं भी कम हरामी नही था। मैं पूरा मजा लेना चाहता था। इसलिए मैं उसे नही छोड़ रहा था। और जल्दी जल्दी उसकी सफ़ेद जांघे पकड़ मैं उसकी चुद्दी को चाट रहा था। फिर मैंने अपने 10” लौड़े को मुठ दी और जादा उसे खड़ा कर दिया। फिर गुंजन की चूत के छेद पर मैंने अपना लौड़ा लगा दिया और जोर का धक्का अंदर मारा तो लंड ३ इंच अंदर घुस आया था। उसकी चूत की सील टूट गयी थी और गाढ़ा गहरा खून निकल रहा था। वो “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” बोलकर चिल्ला रही थी। मैं कुछ देर को रुक गया जिससे मेरी गर्लफ्रेंड गुंजन को दर्द ना हो। कुछ देर बाद मैंने एक झटका अंदर की तरफ फिर से मारा। इस बार मेरा 10” लंड पूरा का पूरा उसकी चुद्दी में अंदर समा गया। गुंजन “हाय रे रे रे!!” करके जोर से चिल्लाई। उसे बेतहासा दर्द हो रहा था। आज पहली बार मेरे बच्चों की टीचर गुंजन चुद रही थी। दोस्तों पहली बार में दर्द तो होता ही है।
कुछ देर बाद मैं धीरे धीरे अपने लौड़े से उसकी चूत चोदने लगा। बहुत टाईट चूत थी उसकी। धीरे धीरे मेरा लंड अंदर बाहर हो रहा था। मैं उसके गाल और होठो पर बार बार चुम्मा ले लेता था जिससे उसका हौसला बड़े। वो बर्दास्त कर रही थी और चुद रही थी। गुंजन अजीब कशमकश के दौर से गुजर रही थी। उसका चेहरा उसका हाल बंयाँ कर रहा था। उसे दर्द हो रहा था पर फिर भी उसने एक बार चुदाई रोक देने के लिए नही कहा। फिर मैं जल्दी जल्दी उसे पेलने लगा। मैं उसकी चूत में थूक दिया जिससे अब मेरा लंड और जादा फिसल रहा था और जल्दी जल्दी उसकी चूत में आ जा रहा था। दोस्तों कुछ देर बाद तो मौसम जम गया था। मैं खूब जल्दी जल्दी अपने बच्चों की टीचर गुंजन को चोदने लगा। चट चट की मीठी आवाज गुंजन की चूत से आ रही थी। लग रहा था की कोई ताली बजा रहा है। गुंजन ने मुझे बाहों में भर लिया था और जगह जगह चूम रही थी।ये चुदाई कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मैं उसके उपर पूरी तरह से सवार हो गया था। मेरी कमर नाच नाच कर भांगड़ा कर रही थी। फिर गुंजन जल्दी जल्दी चुदने लगी। वो बार अपना सिर इधर उधर घुमा रही थी। बार बार अपना मुंह वो खोल रही थी। गर्म सासों के गुच्छे वो बार बार छोड़ रही थी जिसे मैं सूँघ रहा था। फिर मैं नीचे झुका और उसके होठ पीने लगा और नीचे से चट चट की आवाज के साथ उसे बजाने लगा। फिर मैंने भी आँखे बंद कर ली और अपनी रेल उसकी चूत में चलाने लगा। बड़ी देर तक मैंने उसे चोदा। फिर मेरे जिस्म में खासकर पीठ में रीढ़ की हड्डी में मुझे गर्मी छिटक आई। लगा की मेरी रीढ़ की हड्डी फट जाएगी। कुछ देर बाद मैंने उसकी चुद्दी में ही पानी छोड़ दिया। उसके बाद गुंजन मुझसे लिपट गयी और मुझसे प्यार करने लगी। वो बार बार मेरे कंधे, चहरे, आँखों और सिर को चूम रही थी। मेरे लंड में उसकी चूत का खून अभी तक लगा हुआ था। मैं ऊँगली से वो खून लिया और उसकी मांग में भर दिया।ये चुदाई कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। गुंजन आज हम लोगो की सुहागरात सम्पन्न हो गयी!!” मैंने उससे कहा। कुछ देर बाद मैं फिर से गुंजन के दूध पीने लगा और फिर मैंने उसको अपनी कमर पर बिठा लिया। वो अनाड़ी थी क्यूंकि आजतक उसने किसी लड़के से नही चुदवाया था। मैंने उसकी चूत में लंड हाथ से पकड़कर डाल दिया और उसको अपनी कमर पर बिठा लिया। गुंजन को काफी अजीब महसूस हो रहा था। मैंने उसे उठ उठकर चुदवाने को कहा। धीरे धीरे वो सिख गयी। मैं बिस्तर के सिरहाने पर कई तकिया लेकर लेट गया और अब गुंजन ही सारा काम कर रही थी। वो अपना पिछवाड़ा उठ उठकर चुदवाने लगी और मजे मारने लगी। मैंने 20 मिनट उसे कमर पर बिठाकर चोदा और हम दोनों साथ में झड़ गए। वो मेरे उपर गिर पड़ी और मुझे सीने पर किस करने लगी। कैसी लगी ट्यूशन टीचर की बूर चुदाई कहानी , अच्छा लगी तो जरूर रेट करें और शेयर भी करे ,अगर कोई अपने बच्चो की टीचर की चुदाई करना चाहते हैं तो उसे ऐड करो Chudai ki pyasi tution teacher
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